Saturday, October 24, 2009

अब क्या करोगे छोटु?


एक घर मे था एक बच्चा,
बच्चा खा रहा था आम,
उसको इतना मजा आया,
कि आम के पेड पर बैठ कर आम खाने लगा,
आम खा कर इतना मजा आया,
कि उसने सारे पेडो को खाली कर दिया,
पेट इतना भर गया,
की हो गया वह मोटु,
अब बताओ,
तुम क्या करोंगे छोटु???

Thursday, October 22, 2009

लपक झपक के ले लिया आम

                                
एक पेड पर  था एक आम,
एक बंदर उधर से गुजरा।
उसने देखा रसीला आम,
लपक झपक के ले लिया आम।
भाग गया सीधे सीधे दोस्तों के पास,
मिल कर खाया आम,
सभी बंदरो को मजा आया,
तब वह बंदर खुब जोर से चिल्लाया,
बोला बंदरो आ जाओ खुब मिलकर आम खायेंगे
आम के पेड पर चढ गये वो,
खाया मजे से आम
खा कर इतना इतना मजा आया
सबने खुब जोर से पार्टी मनाई
पार्टी मनाने के बाद सारे बंदर घर चले गये
उनको इतना मजा आया
की रात को नीन्द ही नहीं आयी।

Wednesday, October 14, 2009

हेप्पी दीपावली

पता है हमारे उपर आकाश में एक बहुत बडी रजाई है। और सुरज की किरणे जो होती है, वो कुछ अच्छी होती है और कुछ बुरी।

हमारे उपर यह जो रजाई है, वो हमे सुरज की बुरी किरणो से बचाती है। मै एक बात और बताउ आपको, मै इस बार एक भी क्रेकर नहीं चलाउंगा क्योकि क्रेकर से एअर पाँल्युशन होता है और उससे हमारे उपर की रजाई में छेद हो सकता है। और तब छेद में से सुरज की बुरी किरणे अंदर आ जायेगी और हम बिमार हो जायेगे. मै तो बिमार नही पडना चाहता हुँ, आप भी सोचिइये इस बारे में।

पापा कह रहे है की अंकल लोगो को दीपावली की शुभकामनाए तो दो! अरे भाई कोई ये तो बताओ ये शुभकामनाए होता क्या है, मुझे तो नही पता है?

सारे अंकल और आंटी लोगो को हेप्पी दीपावली, और आप लोग मैरे फ्रेन्ड्स को भी मेरी तरफ से हेप्पी दीपावली बोल देना, और एक बात अंकल लोग कम से कम दीपावली पर बच्चे लोगो को कम डाटना और गुस्सा करना।

कोई मेरे पापा को भी यह बात समझा देना, बस मुझ पर गुस्सा करते रहते है, देखो अभी भी कह रहे है की अब बस कर, क्या उटपटांग लिखाये जा रहा है, अब मुझे अभी टाईप करना नही आता है, इसलिए इनकी सुननी ही पडेगी।

बाँय - बाँय

आपका गोर्की